हरियाणा

एनसीपी नेता बाबा सिद्वीकी की हत्या में शामिल शूटर को लेकर उसकी दादी का बड़ा खुलासा

सत्य खबर, कैथल ।
मुंबई में एनसीपी नेता पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाला एक शूटर गुरमेल सिंह (23) हरियाणा के कैथल जिले का रहने वाला है। गुरमेल का गांव नरड़ है। 31 मई 2019 को उसने कैथल के रुद्री मंदिर के पास दोस्त के भाई की बर्फ के सुए से 52 वार का हत्या कर दी थी। जिसके बाद उसे अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस ने उसे कैथल जेल भेज दिया।

जेल में सुधरने की जगह वह गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आ गया। जब उसे जमानत मिली और वह बाहर आया तो गांव में ज्यादा दिन नहीं रुका। वह मुंबई चला गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस के गुर्गों ने ही उसे मुंबई बुलाया था।

इसके बाद उसके लॉरेंस गैंग की टॉप लीडरशिप से अच्छे संबंध बनते गए। ग्रामीणों के मुताबिक गुरमेल के पिता की मौत हो चुकी है। गांव वालों के मुताबिक वह करीब 6 महीने पहले गांव आया था। हालांकि उसके बाद से फिर नहीं लौटा।

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गुरमेल की दादी फुल्ली देवी ने कहा कि जब उसने मेरी शर्म नहीं की, तो अब भले ही उसे बीच चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दें, हमें उससे कुछ नहीं है।

मुंबई पुलिस के मुताबिक आरोपी गुरमेल ने अपने साथियों के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी के घर-दफ्तर की रेकी की थी। वह डेढ़ से दो महीने से मुंबई में थे और बाबा पर नजर रख रहे थे।
नरड़ निवासी गुरमेल की दादी फुल्ली देवी ने बताया कि गुरमेल हमारे नाम का मर चुका है और हम उसके नाम के मर चुके। हम तो उसे 10-11 साल पहले परिवार से बेदखल कर चुके हैं। वह तीन चार महीने से घर नहीं आया है। हमें नहीं पता कि वो कहां पर गया है, हमें कुछ बता कर थोड़े ही गया है।

जब वो घर आया था, वो उससे नहीं मिली। वो तब कूड़ा डालने के लिए गई हुई थी। न तो हमारे पास उसका कोई फोन नंबर है, न ही वो कभी हमें फोन करता है। मैं अपने 12-13 साल के पोते के साथ रहती हूं। गुरमेल को यहां 4 महीने से गांव में नहीं आया है।

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गुरमेल अपने पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी मां की शादी देवर के साथ कर दी। इसके बाद उसकी मां को देवर के नाम से एक लड़का व एक लड़की हुए।

दादी ने बताया कि गुरमेल पहले जेल जा चुका है। भाई ने भाई का मर्डर किया था, तब ये भी उनके साथ था। तब वो जेल गया था। हमें नहीं पता कि वो जेल से कैसे बाहर आया, किसने उसकी जमानत कराई। उससे तो उनकी कोई बात नहीं होती, वो तीज-त्योहार पर भी घर नहीं आता।

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